अमेरिका का परमाणु अभ्यास: सुरक्षा का आखिरी कवच या वैश्विक डर-?

अमेरिकी सामरिक कमान ने इस साल अपना प्रमुख वार्षिक परमाणु अभ्यास ‘ग्लोबल थंडर 26’ 21 अक्टूबर से शुरू किया है। इस अभ्यास में बी-2 स्पिरिट और बी-52 स्ट्रैटोफोर्ट्रेस जैसे रणनीतिक परमाणु बमवर्षक, मिसाइल संचालन, और पनडुब्बी तैयारी समेत अनेक महत्वपूर्ण इकाइयां शामिल हैं। यह अभ्यास अमेरिका की परमाणु त्रयी की तत्परता और युद्ध क्षमता को परखने और विरोधियों को रोकने का एक प्रमुख माध्यम है। यूक्रेन युद्ध और रूस-चीन तनाव के इस पेचीदा दौर में, यह अभ्यास वैश्विक सामरिक संतुलन को द्योतक है। बी-2 के अदृश्य स्टील्थ तकनीक और परमाणु निवारक क्षमता की वजह से यह अभ्यास विशेष महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यदि आप और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो दिए गए लिंक पर अवश्य क्लिक करें।

By Dhananjay Singh
अमेरिका का परमाणु अभ्यास: सुरक्षा का आखिरी कवच या वैश्विक डर-?

21 अक्टूबर 2025 से अमेरिका की सामरिक कमान (US STRATCOM) ने ‘ग्लोबल थंडर 26’ का बिगुल बजाया। हर साल की तरह, इस अभियान में अमेरिका की परमाणु शक्ति — मिसाइल, रणनीतिक बमवर्षक और पनडुब्बी — पूरी ताकत के साथ शामिल होती है। इस बार अभ्यास का समय और संदर्भ बेहद संवेदनशील है, क्योंकि —

  • रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरे यूरोप को हिला चुका है।
  • चीन लगातार ताइवान और दक्षिण चीन सागर में शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।
  • पश्चिमी देशों के नेताओं ने रूस के खिलाफ नई रणनीतिक दिशाएं अपनाने के संकेत दिए हैं।​

15 से अधिक देशों के अधिकारी, सैन्य विशेषज्ञ, और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी एजेंसियाँ इस अभ्यास पर पल-पल नजर रख रही हैं।

ग्लोबल थंडर की रणनीति और टेक्नोलॉजी

यह 'ग्लोबल थंडर' अभ्यास अमेरिकी परमाणु युद्ध परिदृश्य का ऐसा अभ्यास है जिसमें:

  • B-2 स्पिरिट और B-52 स्ट्रैटोफोर्ट्रेस जैसे बेहद उन्नत तकनीक वाले बमवर्षक विमान बड़ी तेजी से और बहुत कम अंतराल पर उड़ान भरकर युद्ध के मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं।
  • SSBN पनडुब्बियाँ समुद्र की गहराइयों में छिपकर जवाबी हमले के लिए तैयार रहती हैं।
  • अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) तैयार हैं, जो मिनटों में हजारों किमी दूर टारगेट को तबाह कर सकती हैं।
  • नेशनल कमांड और कंट्रोल कम्युनिकेशन सिस्टम, साइबर डिफेंस, इमरजेंसी मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट — सबका युद्धस्तर पर टेस्ट होता है।

गहराई में जानें:

रूस-चीन की प्रतिक्रिया: परमाणु संतुलन का नया दौर

रूस और चीन इस अभियान को दुनिया की सामरिक स्थिरता के लिए सीधा खतरा मान रहे हैं।

  • रूस ने अपने रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि अगर पश्चिमी ब्लॉक ने परमाणु ताकत दिखाई, तो जवाबी शक्ति, नई मिसाइल, अधिक पनडुब्बी, और एडवांस्ड रडार सिस्टम विकसित किए जाएंगे।
  • चीन ने हाल में अपने नए H-20 स्टील्थ बॉम्बर, DF-41 हाइपरसोनिक मिसाइल और नौसैनिक अभ्यास का एलान किया है।
  • दोनों देशों ने मिलकर संयुक्त अभ्यास ‘वॉर गेम्स 2025’ लॉन्च किए, जिसमें काउंटर स्ट्राइक, एंटी एरिया डिफेंस और ग्लोबल डिटेरेंस एल्गोरिदम (Algorithm) को परखा गया।

पढ़ें:

B-2 स्पिरिट: अमेरिका का 'अदृश्य विनाशक'

B-2 स्पिरिट दुनिया का सबसे गोपनीय, घातक और महंगा युद्ध-बमवर्षक है। इसमें:

  • स्टील्थ डिज़ाइन — दुश्मन के रडार सिस्टम से लगभग 90% अदृश्य।
  • 11,000 किमी नॉन-स्टॉप रेंज, 50,000 फीट ऊंचाई, 1010 किमी/घं अधिकतम गति।
  • 16 तक B61 या B83 न्यूक्लियर बम, या दो GBU-57 बंकर-बस्टर ले जाने की क्षमता।
  • सिर्फ दो पायलट इसकी पूरी कमांड संभालते हैं।
  • यूनिट कॉस्ट: 2.1 अरब डॉलर से अधिक।

आपकी जिज्ञासा के लिए:

अमेरिकी पनडुब्बियाँ: युद्ध का छुपा महल

अमेरिका की SSBN और SSN पनडुब्बियाँ वर्षों से परमाणु युद्ध का निर्णायक हिस्से हैं:

  • कई हफ्ते-महीनों तक बिना सतह पर आए समुद्र में छुप सकती हैं।
  • परमाणु मिसाइलों के साथ, ये दुनिया के किसी भी हिस्से में जवाबी हमला कर सकती हैं।
  • ट्रैकिंग से बचना — इनके साइलेंट इंजन, खास कोटिंग और रडार गुप्तता की वजह से — लगभग नामुमकिन है।

डेप्थ डाटा जानिए:

परमाणु मिसाइलें: खतरे के नए स्तर

अमेरिका, रूस, चीन, भारत, इजरायल समेत पांच बड़े देशों के पास इंटरसेप्ट, ट्रैक और जवाबी हमले (counter-strike) के लिए आधुनिक डिफेंस सिस्टम हैं, लेकिन ये हर स्थिति में पूरी तरह सफल हों — यह संभावना कम है।

  • मिसाइल डिफेंस हॉरिजन्स, बैलिस्टिक मिसाइल के वारपथ, कैमिकल-रेडियेशन डिटेक्शन, मल्टी-लेयर रडार सिस्टम और साइबर प्रोटेक्शन जैसे दर्जनों उपाय हैं।
  • परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से बार-बार संधियाँ, समझौते, डोक्युमेंटेड मॉनिटरिंग लागू की जाती हैं, ताकि युद्ध की स्थिति ना बने।

पूरा डेटा और विश्लेषण पढ़ें:

तकनीकी और रणनीतिक इनोवेशन

बीते दशक में:

  • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, एआई रडार, हाइपरसोनिक प्रोटोटाइप और न्यूट्रॉन स्कैनिंग जैसे सैकड़ों इनोवेशन हुए हैं।
  • यूएस, रूस, चीन समय-समय पर अपने सैन्य अभ्यासों में नई टेक्नोलॉजी का परिक्षण करते हैं।

टेक्नोलॉजी व भविष्य:

मानवीय, सामाजिक और पर्यावरणीय चिंता

परमाणु अभ्यास और हथियार परीक्षण से उपजा डर केवल सैनिकों तक सीमित नहीं, यह आम नागरिक, पर्यावरण और मानवता के लिए भी चुनौती है —

  • हिरोशिमा-नागासाकी 1945 की घटनाएं आज भी पूरी दुनिया को डराती हैं; इनके जख्म और रेडिएशन प्रभाव दशकों तक जीवन में दिखे।​
  • अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और संयुक्त राष्ट्र बार-बार चेतावनी देते हैं — ‘परमाणु युद्ध का कोई विजेता नहीं’।

बिना भेदभाव देखिए:

वैश्विक शक्ति संतुलन, कानून और सामरिक समीकरण

न सिर्फ सैन्य अभ्यास — यह आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय कानून की भी परीक्षा है:

  • यूक्रेन के परमाणु प्रतिष्ठान यूरोपीय चिंता का विषय बने हुए हैं।​
  • ग्लोबल थंडर के जैसे एक्सराइज न केवल किसी देश बल्कि रक्षा क्षेत्र, कूटनीति और भू-राजनीति की न्यू स्ट्रेटेजी को परिभाषित करते हैं।

अंतिम निष्कर्ष:

  • इस समय दुनियाभर के नागरिक, पत्रकार, एक्सपर्ट्स, सरकारें और संस्थाएं वैश्विक परमाणु संतुलन, नई हथियार असेंबली, टेक्नॉलॉजी इनोवेशन और सामरिक खतरे पर एकमत चर्चा कर रही हैं।
  • युद्ध अभ्यास का असर दशकों तक भू-राजनीति, मानवता और पर्यावरण में दिख सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: परमाणु शक्ति क्या है?

उत्तर: परमाणु शक्ति का मतलब है वो तीन प्रमुख तरीके जिनसे किसी देश के पास परमाणु हथियारों से हमला करने की शक्ति होती है—भूमि से लॉन्च की जाने वाली मिसाइलें, पनडुब्बि से छोड़ी जाने वाली मिसाइलें, और वायुयान से गिराए जाने वाले बम। यह तीनों मिलकर उस देश की परमाणु सुरक्षा की पूरक कड़ी होती हैं।

प्रश्न 2: ग्लोबल थंडर अभ्यास क्या होता है?

उत्तर: ग्लोबल थंडर अमेरिका का एक वार्षिक परमाणु युद्धाभ्यास है जिसमें वे अपनी परमाणु ताकतें जैसे बमवर्षक विमान, मिसाइलें और पनडुब्बियां वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसका मकसद अपनी ताकत दिखाना और तैयारी को हमेशा सही रखना है।

प्रश्न 3: बी-2 स्पिरिट बमवर्षक खास क्यों है?

उत्तर: बी-2 को 'स्टील्थ बॉम्बर' कहा जाता है क्योंकि यह रडार से लगभग अदृश्य होता है। इसकी दूरी बहुत लंबी होती है, यह बहुत ऊँचाई पर उड़ता है और परमाणु बम सहित भारी हथियार ले जाने में सक्षम है। इसलिए यह अमेरिकी सैन्य ताकत की शान है।

प्रश्न 4: रूस और चीन इस अभ्यास को क्यों लेकर चिंतित हैं?

उत्तर: ये दोनों देश ग्लोबल थंडर को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा समझते हैं क्योंकि यह अभ्यास अमेरिका की परमाणु शक्ति और तत्परता को दिखाता है। इसका मतलब है कि अमेरिका किसी भी समय बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

प्रश्न 5: क्या यह अभ्यास वैश्विक तनाव को बढ़ाता है?

उत्तर: जी हाँ, ऐसे अभ्यास अक्सर वैश्विक तनाव बढ़ाते हैं क्योंकि वे विपक्षी देशों को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसका असर अंतरराष्ट्रीय रिश्तों और सुरक्षा रणनीति पर भी पड़ता है।

प्रश्न 6: परमाणु हमले से बचाव के क्या तरीके हैं?

  • उत्तर: परमाणु हमले से बचाव के लिए मिसाइल सुरक्षा प्रणालियां, वैश्विक निरस्त्रीकरण समझौते और शांतिपूर्ण कूटनीति ही सबसे कारगर तरीके हैं। कोई भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित नहीं होती, इसलिए यह बहुत संवेदनशील मामला है।

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Dhananjay Singh

Professional Content Writer, Researcher & Visionary Storyteller

"तरक्की को चाहिए नया नज़रिया—और यह नज़रिया शब्दों से शुरू होता है।"

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